चंडीगढ़। पंक्ति में खड़े आखिरी पात्र व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए परिवार पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। यह बात हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज पंचकूला में आयोजित परिवार पहचान पत्र वितरण समारोह में कही।
CM Khattar launches family identity card scheme, four schemes linked
Chandigarh. Family identity cards are being made to serve the purpose of benefiting the welfare schemes of the government till the last eligible person standing in the row. This was stated by Haryana Chief Minister Manohar Lal at the family identity card distribution ceremony held in Panchkula today.
नागरिकों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से केंद्र तथा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उनके घर द्वार पर पहुंचाने के लिए एक अनूठी ई-गवर्नेंस पहल करते हुए मुख्यमंत्री ने आज परिवार पहचान पत्र योजना के तहत 20 परिवारों के मुखियाओं को पहचान पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया और विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता भी उपस्थित थे।
परिवार पहचान पत्र से जुड़ी चार योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन माह में सभी विभागों की कल्याणकारी योजनाओं को परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के साथ जोड़ा जाएगा। वर्तमान में मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) जो 26 जनवरी, 2020 को शुरू की गई थी और तीन पेंशन योजनाएं – वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना, दिव्यांग जन पेंशन योजना और विधवा और निराश्रित महिला पेंशन योजना को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़ा गया है।
पंचकूला के अलावा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े राज्य के शेष 21 जिलों में भी कैबिनेट मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और अन्य प्रमुख हस्तियों द्वारा लाभार्थियों को परिवार पहचान पत्र वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 को सुशासन संकल्प वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प लिया था और इसी कड़ी में नागरिकों को विभिन्न योजनाओं का लाभ उनके घर द्वार पर पहुंचाने के लिए परिवार पहचान पत्र योजना की शुरुआत की गई है।
भ्रष्टाचार और लालफीताशाही पर अंकुश लगेगा
पीपीपी के साथ सभी विभागों की योजनाओं के एकीकरण से न केवल सेवाओं का प्रभावी और कुशल वितरण सुनिश्चित होगा बल्कि सिस्टम में भ्रष्टाचार और लालफीताशाही पर भी अंकुश लगेगा।
प्रदेश सरकार राज्य में सुशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और कई ई-गवर्नेंस की पहल कर चुकी है, जिसमें मेरी फसल मेरा ब्यौरा योजना, राजस्व रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन, हरियाणा उद्यम मेमोरेंडम (एचयूएम) पोर्टल की शुरुआत करने जैसे कई अन्य कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र कार्यक्रम को और गति देने के लिए एक अलग नागरिक संसाधन सूचना विभाग की स्थापना की गई।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में प्रत्येक परिवार को एक अलग पहचान प्रदान करने के लिए परिवार पहचान पत्र तैयार करने के लिए अभियान शुरू किया है। राज्य में 56.20 लाख परिवारों के उपलब्ध रिकॉर्ड में से 18.19 लाख परिवारों का डाटा तैयार किया गया है और इन परिवारों को परिवार पहचान पत्र प्रदान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगस्त 2020 के अंत तक अतिरिक्त 20 लाख परिवारों को पहचान पत्र वितरित किए जाएंगे। सितंबर माह में वितरित किए जाने वाले शेष परिवारों के पहचान पत्र के लिए आवश्यक सत्यापन का कार्य इस महीने पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आंकड़ों के संग्रहण और सत्यापन के कार्य के लिए 27 अगस्त से 31 अगस्त, 2020 तक चार दिवसीय विशेष शिविरों का आयोजन ग्राम स्तर और सभी नगर परिषदों और नगर पालिकओं में वार्ड अनुसार किया जाएगा।
कौशल और रोजगार भी
मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के वितरण के बाद राज्य सरकार ऐसे परिवारों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पेंशन आदि से संबंधित जरूरतों का ही ध्यान नहीं रखेगी, बल्कि युवाओं के कौशल और रोजगार को भी बढ़ावा देगी। इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र लाभार्थियों को केवल एक बार ही उनके निकटतम सरल या अंत्योदय केंद्र पर जाकर एक फॉर्म भरना होगा।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों की योजनाओं के एकीकरण के अभियान के तहत, उन सभी परिवारों के राशन कार्ड तैयार किए जाएंगे, जिनके पास वर्तमान में कोई राशन कार्ड नहीं है, परंतु उपयुक्त श्रेणी के राशन कार्ड के लिए पात्र हैं। कोविड-19 संकट के दौरान, डिस्ट्रेस राशन टोकन के माध्यम से 5.70 लाख से अधिक परिवारों को राशन वितरित किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य में कोई भी पात्र परिवार राशन कार्ड से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वन नेशन-वन कार्ड के विजन के अनुरूप कोई भी कार्डधारक देश के किसी भी हिस्से में राशन ले सकेगा।
कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने असंगठित मजदूरों के पंजीकरण के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च किया।
अनूठी पहल
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्य सरकार की परिवार पहचान पत्र के रूप में इस अनूठी पहल का वर्णन करते हुए कहा कि यह आमजन को विभिन्न कल्याणकारी सेवाओं का कुशल और प्रभावी तरीके से वितरण सुनिश्चित करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है कि सिर्फ 6 महीनों के भीतर, 56 लाख परिवारों के लगभग 1 करोड़ 95 लाख लोगों का डाटा पीपीपी के साथ जोड़ गया है, जो राज्य की कुल आबादी का लगभग 80 प्रतिशत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले एक या डेढ़ महीने में, सौ फीसदी परिवारों को परिवार पहचान पत्र मिल जाएंगे।
नागरिक संसाधन सूचना विभाग के प्रधान सचिव और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि परिवार पहचान पत्र परिवर्तन का एक बड़ा माध्यम साबित होगा, क्योंकि यह न केवल सरकार और जनता के बीच की दूरी को खत्म करेगा, बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से लोगों को विभिन्न सरकारी सेवाओं का प्रभावी और कुशल वितरण सुनिश्चित करेगा।
नागरिक संसाधन सूचना विभाग की सचिव सोफिया दहिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. वी. एस. एन. प्रसाद, पंचकूला के उपायुक्त मुकेश आहूजा और जिला प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।